समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो घिनौनी राजनीति कर रही है अर्थात् उनको नुकसान पहुँचाने में लगी है, यह उचित नहीं. दलितों को इनके सभी हथकंडों से सावधान रहना चाहिए. आगरा की हुई घटना अति चिंताजनक है.”
उन्होंने लिखा, “साथ ही, सपा का अपने स्वार्थ में किसी भी समुदाय का अपमान करना ठीक नहीं, जिसके तहत अब इनको किसी समुदाय में दुर्गंध व किसी में सुगंध आ रही है. इससे समाज में अमन-चैन व सौहार्द बिगड़ेगा. जो ठीक नहीं.”
राज्यसभा में रामजी लाल सुमन ने कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुग़ल सम्राट बाबर को भारत में आमंत्रित किया था.
उन्होंने कहा, “ये तो बीजेपी के लोगों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, लेकिन हिंदुस्तान का मुसलमान तो बाबर को अपना आदर्श मानता नहीं है, वे तो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानते हैं, सूफी-संतों की परंपरा को अपना आदर्श मानते हैं.”
रामजी लाल सुमन ने सवाल उठाया कि बाबर को भारत में कौन ले आया था? उन्होंने कहा, “इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाया था, तो मुसलमान तो बाबर की औलाद हैं और तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो. ये हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “हम लोग बाबर की तो आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की आलोचना नहीं करते हैं.”
मामले पर करणी सेना के कार्यकर्ता रामजी लाल सुमन के आगरा में स्थित आवास के बाहर इकट्ठा हुए और तोड़फोड़ करते हुए उनके घर में घुसने की कोशिश की.
विवाद बढ़ने पर रामजी लाल सुमन ने कहा, “मेरा मक़सद किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था.” हालांकि उन्होंने अपना बयान वापस लेने से साफ़ मना कर दिया.
